1000 Vaastushastra Prashnottari by Madhu Khaare

व्यक्‍त‌ि के जीवन को विभिन्न शक्‍त‌ियाँ प्रभावित करती हैं । वास्तुशास्त्र एक महत्त्वपूर्ण शक्‍त‌ि है । अगर किसी व्यक्‍त‌ि के सितारे बहुत अनुकूल हैं तो वास्तु सिद्धांतों के उल्लंघनजनित विपरीत प्रभाव अधिक सीमा तक महसूस नहीं होते । लेकिन सितारे यदि अनुकूल नहीं हैं तो वे बुरी तरह महसूस होते हैं ।
वास्तुशास्त्र का गहन अध्ययन और उसकी तार्किक व्याख्या ऐसे सुधार के उपाय सुझाते हैं, जिसमें मुश्किल से कोई संरचनात्मक परिवर्तन शामिल होता है । इसमें अनेक कारकों का ध्यान रखा जाता है; जैसे-कमरों की आतरिक व्यवस्था, फर्नीचर आदि की स्थिति, वाहनों की पार्किंग पानी के स्रोत की स्थिति, सीढ़ियों, दरवाजे, खिड़कियाँ आदि । इनमें से किसी कारक को अलग से नहीं देखा जाना चाहिए ।
प्रस्तुत पुस्तक में पिछले दो दशकों के दौरान विभिन्न लोगों से विचार-विमर्श पर आधारित अकसर पूछे जाने वाले प्रश्‍नों को संगृहीत किया गया है । यह पुस्तक भवन निर्माताओं एवं वास्तुशिल्पियों के लिए तो लाभदायक सिद्ध होगी ही, उनके लिए भी उपयोगी सिद्ध होगी, जो वास्तु के विषय में अधिकाधिक जानना चाहते हैं ।

Publication Language

Hindi

Publication Access Type

Freemium

Publication Author

MADHU KHAARE

Publisher

Prabhat Prakashana

Publication Year

2017

Publication Type

eBooks

ISBN/ISSN

8173154511'

Publication Category

Premium Books

Kindly Register and Login to Shri Guru Nanak Dev Digital Library. Only Registered Users can Access the Content of Shri Guru Nanak Dev Digital Library.

SKU: 8173154511.pdf Categories: , Tags: ,
Reviews (0)

Reviews

There are no reviews yet.

Be the first to review “1000 Vaastushastra Prashnottari by Madhu Khaare”