Maharshi Arvind Ghosh by Kaushal Kishor

अरविंद घोष का जन्म 15 अगस्त, 1872 को कलकत्ता में हुआ था। उनके पिता का नाम कृष्णधन और माता का नाम स्वमलता था। बंगाली साहित्य के जाने-माने विद्वान् राज नारायण बोस अरविंद के नाना थे। धार्मिक गुण और साहित्यिक क्षमताएँ उन्हें अपनी माता के वंश से विरासत में मिलीं। उनके पिता ने इंग्लैंड से डॉक्टरी पढ़ी थी।
अपने पिता की इच्छा-पूर्ति करते हुए उन्होंने भारतीय सिविल सर्विस (ICS) की परीक्षा दी और अच्छे अंकों से उत्तीर्ण हुए; लेकिन घुड़सवारी की परीक्षा में असफल हो जाने के कारण उन्हें भारत सरकार की सेवा का अवसर नहीं मिला।
वर्ष 1908 से वे भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेने लगे। उन्होंने अंग्रेजी दैनिक ‘वंदे मातरम्’ का संपादन किया और अपने बेबाक आलेखों से देश को जाग्रत् करने का कार्य किया। उन्होंने ब्रिटिश सामान, ब्रिटिश न्यायालय और अन्य वस्तुओं का खुलेआम बहिष्कार किया।
अलीपुर बम केस उनके जीवन का एक निर्णायक मोड़ साबित हुआ। उन्हें एक साल के लिए अलीपुर जेल में डाल दिया गया। वहाँ उन्होंने भगवद्गीता का गहन अध्ययन किया और अपने भावी आध्यात्मिक जीवन की नींव रखी।
श्रीअरविंद ने मानव जाति की सहायता के लिए विश्व-प्रसिद्ध आश्रम की स्थापना की।
एक कवि, विद्वान्, योगी, बहुमुखी प्रतिभा के धनी अरविंद सदैव मनुष्यमात्र के जीवन-उत्थान में लगे रहे।
प्रस्तुत है आध्यात्मिक क्षेत्र में भारत का मस्तक ऊँचा करनेवाले, उच्च कोटि के दार्शनिक, स्वतंत्रता-सेनानी और एक सच्चे योगी की अनुकरणीय-प्रेरणास्पद जीवनी।

Publication Language

Hindi

Publication Access Type

Freemium

Publication Author

KAUSHAL KISHOR

Publisher

Prabhat Prakashana

Publication Year

2017

Publication Type

eBooks

ISBN/ISSN

9788177211934'

Publication Category

Premium Books

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