Hindu Valmiki Jati by Dr. Bizay Sonkar Shastri
वास्तव में वाल्मीकि समाज के राजवंशीय एवं गौरवशाली इतिहास को बलपूर्वक कमरे में बंद तो कर दिया गया किंतु कमरे की खिड़कियों एवं झरोखों से आज भी वह दिख रहा है। डिप्रेस्ड क्लास यानी दलित शब्द 1931 की जनगणना में सर्वप्रथम प्रयुक्त हुआ, तत्पश्चात् यह सामान्य रूप से प्रयोग होता रहा। दलित संवर्गीय वाल्मीकि, सुदर्शन, रुखी, मखियार, मजहबी सिख इत्यादि समाज में कुल 624 उप-जातियाँ हैं। विदेशी मुगल, तुर्क एवं मुसलिम आक्रांता शासकों के भारी दबाव के बाद भी इसलाम स्वीकार न करने के कारण कट्टर हिंदुओं के हिंदू धर्माभिमान एवं स्वाभिमान को ध्वस्त करने के लिए उन्हें बलपूर्वक तलवार की नोक पर अस्वच्छ (सफाई एवं मैला ढोने) जैसे कार्यों में लगा दिया गया था। उन स्वाभिमानी लोगों ने मैला ढोना स्वीकार किया, किंतु इसलाम को ठुकरा दिया।
धर्म एवं राष्ट्रहित के समक्ष स्वहित का बलिदान करने वाली वर्तमान हिंदू वाल्मीकि, सुदर्शन, मजहबी इत्यादि जातियों का मध्यकालीन काली रात्रि के पहले की हृदय विदारक एवं मर्मस्पर्शी घटनाएँ इस पुस्तक का सार हैं। वास्तव में यह पुस्तक सारगर्भित इतिहास लेखन के मानदंड के अनुरूप लिखे इतिहास का एक उदाहरण है। इस पुस्तक से हिंदू वाल्मीकि, सुदर्शन, रुखी, मखियार, मजहबी सिख इत्यादि जातियों के साथ-साथ दलित संवर्गीय हजारों जातियों को धर्म एवं देश के नाम पर मर-मिटने का विराट् गौरव -बोध होगा।
Publication Language |
Hindi |
---|---|
Publication Access Type |
Freemium |
Publication Author |
DR. BIZAY SONKAR SHASTRI |
Publisher |
Prabhat Prakashana |
Publication Year |
2014 |
Publication Type |
eBooks |
ISBN/ISSN |
9789350485668' |
Publication Category |
Premium Books |
Kindly Register and Login to Shri Guru Nanak Dev Digital Library. Only Registered Users can Access the Content of Shri Guru Nanak Dev Digital Library.
You must be logged in to post a review.
Reviews
There are no reviews yet.