Dr. Ambedkar Atmakatha Evam Jansamvad by Dr. Narendra Jadhav

हर व्यक्ति का अपना जीवनदर्शन होना चाहिए, क्योंकि हर व्यक्ति के पास ऐसा मानक होना चाहिए, जिससे वह अपने चरित्र को माप सके। यह दर्शन कुछ और नहीं, चरित्र मापने का एक मानक है। सकारात्मक रूप से मेरे सामाजिक दर्शन को मात्र तीन शब्दों में बतलाया जा सकता है :स्वतंत्रता, समानता एवं बंधुत्व। मेरे दर्शन का आधार धर्म में है, राजनीति विज्ञान में नहीं। मैंने इसे महात्मा बुद्ध के उपदेशों से लिया है। उन्हें मैं अपना गुरु मानता हूँ। उनके दर्शन में स्वतंत्रता तथा समानता का अपना एक स्थान है; लेकिन उन्होंने यह भी कहा कि असीमित स्वतंत्रता समानता को नष्ट कर देती है तथा पूर्ण समानता से स्वतंत्रता का हनन होता है।
—इसी पुस्तक से
डॉ. बाबासाहब आंबेडकर एक राष्ट्रीय नेता थे। उन्हें मात्र दलित नेता कहना, उनकी विद्वत्ता, जनआंदोलनों, सरकार में उनकी भूमिका के साथ न्याय नहीं होगा। युगों पुरानी जाति आधारित अन्यायपूर्ण और भेदभावकारी समाज में सामाजिक समानता और सांस्कृतिक एकता के जरिए लोकतांत्रिक गणराज्य बनाने का उनका व्यापक दृष्टिकोण जगजाहिर है। मानवाधिकारों के राष्ट्रवादी और साहसी नेता के रूप में उनके भाषणों में आधुनिक भारत की सामाजिक चेतना को जगाने के लिए उनके जीवनपर्यंत समर्पण की झलक मिलती है।
प्रखर मानववादी डॉ. आंबेडकर के संपूर्ण जीवनदर्शन और प्रेरणाप्रद व्यक्तित्व का दिग्दर्शन कराते उनके भाषणों का पठनीय संकलन।

Publication Language

Hindi

Publication Access Type

Freemium

Publication Author

DR. NARENDRA JADHAV

Publisher

Prabhat Prakashana

Publication Year

2015

Publication Type

eBooks

ISBN/ISSN

9789350485859'

Publication Category

Premium Books

Kindly Register and Login to Shri Guru Nanak Dev Digital Library. Only Registered Users can Access the Content of Shri Guru Nanak Dev Digital Library.

SKU: 9789350485859.pdf Categories: , Tags: ,
Reviews (0)

Reviews

There are no reviews yet.

Be the first to review “Dr. Ambedkar Atmakatha Evam Jansamvad by Dr. Narendra Jadhav”