Viveki Rai Ki Lokpriya Kahaniyan by Viveki Rai

कथाकार विवेकी राय की लोकप्रिय कहानियों का यह संकलन एक बहुत बड़ी आवश्यकता की पूर्ति है। लगातार छह दशक तक कहानी-साहित्य की समस्त पीढि़यों और आंदोलनों को आत्मसात् करते हुए उक्त क्षेत्र में कलम चलाकर, ग्राम-जीवन के यथार्थ को, उसके सुख-दुःख को प्रामाणिक रूप में प्रस्तुत करके उन्होंने एक कीर्तिमान स्थापित किया है। उनकी कहानियाँ अपने बृहत्तर रचनात्मक सरोकारों के साथ संपूर्ण भारत के स्वातंत्र्योत्तर गाँवों का साक्षात् कराती हैं। टुच्ची राजनीति और विकास के खोखले दावों से दो-दो हाथ करते दिखते हैं डॉ. राय। प्रेमचंद और फणीश्वरनाथ रेणु के बाद गाँव की संवेदनशील पृष्ठभूमि पर लिखनेवाली पीढ़ी के सबसे सशक्त कथाकारों की श्रेणी में शिखरस्थ हैं। ग्राम्यांचल, कृषि, संस्कृति और अध्यापक-जीवन आदि के विभिन्न अनुभवों की झाँकियों से संपृक्त इन कहानियों में उन्होंने अपने अंदर के प्रौढ़ भाषाविद्, शैलीकार और कुशल कथा-लेखक को जमकर खटाया है। यही कारण है कि कथाकार राय की कहानियाँ नए संदर्भों के साथ अपनी अर्थवत्ता को ग्रहण कर सकी हैं। इस संकलन से हिंदी कथा-साहित्य का पाठक उनके समृद्ध कहानीकार रूप से परिचित हो सकेगा, ऐसा विश्वास है।

Publication Language

Hindi

Publication Access Type

Freemium

Publication Author

VIVEKI RAI

Publisher

Prabhat Prakashana

Publication Year

2016

Publication Type

eBooks

ISBN/ISSN

9789351869078'

Publication Category

Premium Books

Kindly Register and Login to Shri Guru Nanak Dev Digital Library. Only Registered Users can Access the Content of Shri Guru Nanak Dev Digital Library.

SKU: 9789351869078.pdf Categories: , Tags: ,
Reviews (0)

Reviews

There are no reviews yet.

Be the first to review “Viveki Rai Ki Lokpriya Kahaniyan by Viveki Rai”