Mr. M.K. Gandhi Ki Champaran Diary by Arvind Mohan

महात्मा गांधी को तब मिस्टर एम.के. गांधी या मिस्टर गांधी ही कहा जाता था। गांधी का चम्पारण पहुँचना एक युगांतरकारी घटना साबित हुई, पर यह प्रयोग कई मायनों में विलक्षण था। गांधी की स्वीकार्यता को बताने के साथ ही अन्याय सहनेवाले जीवंत समाज में प्रतिरोध की शक्ति के उभरने तथा खुद गांधी द्वारा अपनी पूरी ईमानदारी, निष्ठा, दम व समझ के साथ स्थानीय लोगों तथा समस्याओं से एक रिश्ता जोड़ने एवं उन हजारों-लाखों द्वारा झट से गांधी पर भरोसा करके उनको अपनाने की अद्भुत दास्तान भी है। यह अहिंसात्मक ढंग से जनता की भागीदारी और सत्य पर आधारित आंदोलन की अन्याय विरोधी शक्ति को रेखांकित करनेवाला पहला प्रयोग है।
गांधी पूरब से आए यानी कलकत्ते से और आखिर में पश्चिम अर्थात् अहमदाबाद निकल गए। कुल मिलाकर साढ़े नौ महीने चम्पारण में रहे। बाद में किसी भी आंदोलन में और किसी भी जगह पर उन्होंने इतना समय नहीं लगाया। जब अंग्रेजी सत्ता और निलहा जमात उनको चम्पारण जाने से रोक रहा था तथा टिकने नहीं दे रहा था, तब
वे सबकी छाती पर मूँग दलते हुए वहीं बैठे रहे एवं अपने बाकी कामों की परवाह भी नहीं की।
नील के किसानों के शोषण के विरुद्ध शुरू हुए प्रसिद्ध एवं ऐतिहासिक चम्पारण आंदोलन की रोमांचक कहानी। रोज-रोज के सच्चे विवरणों के माध्यम से चम्पारण सत्याग्रह की पूरी कहानी।

Publication Language

Hindi

Publication Access Type

Freemium

Publication Author

ARVIND MOHAN

Publisher

Prabhat Prakashana

Publication Year

2017

Publication Type

eBooks

ISBN/ISSN

9789352661206'

Publication Category

Premium Books

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