Khwabon Ke Khat by Tripti Bhatt

काव्य एक ऐसी विधा है, जिसमें सृजन मात्र लेखक द्वारा नहीं होता, चाहे-अनचाहे कुछ हम कविता में लिखते हैं और कुछ कविता हम में इस तरह लिख जाती है कि सब कुछ पहले जैसा नहीं रहता। कहीं-न-कहीं देखने का नज़रिया, भावनाओं की गहराई, संवेदनशीलता या कभी-कभी एक ओढ़ी हुई नकली संवेदनहीनता हम अपनी रचनाओं से उधार ले लेते हैं और कभी धीरे-धीरे ये हम में खुद को छेनी-हथौड़े की तरह तराशकर कुछ उकेर जाती हैं। एक ही कविता जब अलग-अलग पाठकों के अनुभवों के लेंस से होकर गुज़रती है तो सब आँखों को एक सी तसवीर नहीं दिखाई देती। कई बार कवि स्वयं को भी श्रोता के माध्यम से एक नई नज़र से पहचान पाता है।
एक कविता न केवल रचनाकार, अपितु श्रोता/पाठक की भी कई अनसुलझी भावनाओं में एक स्पष्टता लाती है। कुछ गहरे मानवीय सत्यों का साक्षात्कार कविता में शब्दों के माध्यम से होता है और कवि की नैतिकता भी इसमें निहित है कि इस सत्य के साक्षात्कार को सार्वजनिक करे।

Publication Language

Hindi

Publication Access Type

Freemium

Publication Author

TRIPTI BHATT

Publisher

Prabhat Prakashana

Publication Year

2017

Publication Type

eBooks

ISBN/ISSN

9789352661404'

Publication Category

Premium Books

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