Hidimba by Dr. Devenchandra Das ‘Sudama’
हिडिंबा महाभारत का एक अवहेलित चरित्र है। वह भीम की पत्नी थी, पर मर्यादा नहीं मिली। राक्षसी थी, कहीं-कहीं देवी के रूप में दरशाया गया। हिडिंबा हिमाचल की थी या पूर्वोत्तर की। स्थानीय लोग उसे अपनी-अपनी बेटी मानते हैं। प्रस्तुत उपन्यास में हिडिंबा को पूर्वोत्तर की बेटी के रूप में दरशाया गया है—वह अनार्य तो थी, पर राक्षसी के रूप में नहीं, देवी के रूप में।
हिडिंबा हिडिंब की भगिनी थी। वर्तमान नागालैंड के अंतर्गत धनश्री (धनसिरी) नदी के तट पर अवस्थित है। घटोत्कच हिडिंबा का पुत्र था। पूर्वोत्तर के अधिकाधिक लोग गर्व के साथ कहते हैं कि हम घटोत्कच के वंशज हैं। यह भी कम महत्त्वपूर्ण नहीं है, जो राष्ट्रीय एकता को दरशाता है।
उस समय तक पूर्वोत्तर शाक्त-शैव प्रधान था। वसिष्ठजी ने आकर वैष्णव बीज अंकुरित किया। शिव वैष्णव थे और दुर्गा नारायणी। उस समय शेष भारत के साथ पूर्वोत्तर भारत का संपर्क कैसा था? कुरुक्षेत्र युद्ध में घटोत्कच पांडव पक्ष और भगदत्त कौरव के पक्ष में थे। दोनों ने बलिदान दिया था—राष्ट्रहित के लिए।
पुस्तक में शेष भारत के साथ पूर्वोत्तर का संपर्क कैसा था? भारतीय संस्कृति के साथ पूर्वोत्तर के लोगों का किस प्रकार लेना-देना था? अध्यात्म का प्रचार-प्रसार किस प्रकार हुआ था? राजनैतिक कम, पर धार्मिक और सांस्कृतिक दृष्टि से राष्ट्रीय एकता का आधार कैसा था, इन सब प्रश्नों का उत्तर खोजने का प्रयास है यह पठनीय कृति ‘हिडिंबा’।
Publication Language |
Hindi |
---|---|
Publication Access Type |
Freemium |
Publication Author |
DR. DEVENCHANDRA DAS ‘SUDAMA’ |
Publisher |
Prabhat Prakashana |
Publication Year |
2018 |
Publication Type |
eBooks |
ISBN/ISSN |
9789387980129' |
Publication Category |
Premium Books |
Kindly Register and Login to Shri Guru Nanak Dev Digital Library. Only Registered Users can Access the Content of Shri Guru Nanak Dev Digital Library.
You must be logged in to post a review.
Reviews
There are no reviews yet.