Jadui Baal Kahaniyan by Satyajit Ray

अगले ही पल सबका खून जम गया। एक भयंकर गर्जना हुई, जिसे सुनकर राजकुमार का घोड़ा अपनी अगली टाँगें हवा में उठाकर पीछे की ओर खिसका, अपने सवार को जमीन पर पटका और दूसरी दिशा में भाग गया। वह इतना साहसी नहीं था कि इतनी भयानक गर्जना वाले दानव के साथ युद्ध कर सके।
गंगाराम ने कनकपुर जाकर राजा से पूछने का निश्चय किया। यदि यह सच में वही पत्थर है, तो वह उसे लौटा देगा। गंगाराम किसी को दुःखी नहीं देख सकता था। यदि राजकुमारी को उसके दुःख से मुक्ति दिलाना उसके हाथ में था, तो वह ऐसा अवश्य करेगा।
रामदास झलसी के वन में लकड़ी काटने गया था। शेर-चीतों से बचने के लिए वह जान-बूझकर दिन के समय गया था। जब उसने किले के पास बारह फीट लंबे दो पैरों के एक जीव को देखा, तो वहाँ से भाग आया। उस जीव का शरीर रोओं से भरा था, हाथ-पैरों में नुकीले नाखून थे, मुँह के कोनों में तीखे दाँत थे, जैसे जानवरों के होते हैं, सुर्ख लाल आँखें थीं और उलझे हुए बाल थे।
—इसी पुस्तक से
महान् लेखक सत्यजित रे की ‘जादुई बाल कहानियाँ’, जिनमें छात्रों का सहज-सरल कौतूहल, रहस्य और रोमांच के प्रति आकर्षण और तीव्र उत्कंठा दिखाई देती हैं।

Publication Language

Hindi

Publication Access Type

Freemium

Publication Author

Satyajit Ray

Publisher

Prabhat Prakashana

Publication Year

2021

Publication Type

eBooks

ISBN/ISSN

9789390366477'

Publication Category

Premium Books

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