Aao Priye, Madhuchandr Ke Liye by Nagathihalli Chandrashekhar
रोहतांग पास में बहुत ऊँचाई तक उसे लेकर गया था। मैं अच्छी तरह जानता था कि प्रीति की इन सबमें कोई रुचि नहीं। उसने सिटी बस ड्राइवर राजा का साथ चाहा था। राजा के बाहु, उसकी जाँघें उसे चाहिए, यह मैं जानता था। उसे बार-बार विश्वास दिलाकर आगे, और आगे लेकर गया। उसके साथ एक नया खेल रचा; ‘दूर घाटी के जल-प्रपातों को जरा गिनो तो देखूँ’, कहकर एक नया खेल रचा। वास्तव में वहाँ जल-प्रपात नहीं थे। वह और भी आगे जाकर देखने लगी। मैं अपना हाथ और भी आगे बढ़ाकर उसे विश्वास दिलाते हुए ‘दुबारा गिन’ कहते हुए उसे किनारे तक बुला लाया। वह तन्मयता से खड़ी होकर जल-प्रपातों को ढूँढ़ने गई और तभी मैंने उसे जोर से ढकेल दिया। महीन पत्थरों पर खड़ी वह संतुलन खो कर फिसल गई, घाटी में चार सौ मीटर नीचे गिर पड़ी, फिर मैं ही चीख पड़ा, चिल्लाया—‘आओ प्रिया, पे्रम यात्रा पर निकल चलें!’
यह उपन्यास एक सच्ची घटना पर केंद्रित है। मैसूर केएक नव-विवाहित प्रेमी युगल को पात्र बनाकर रची इस कथा केआधार पर करीब आज से 35 वर्ष पूर्व बनी कन्नड़ फिल्म दर्शकों का आकर्षण और प्रेमादर प्राप्त कर कई संस्करणों में छपी और पाठकों के बीच खूब लोकप्रिय हुई।
प्रेम और अपनत्व के साथ ही घृणा और प्रतिशोध की ज्वाला से धधकता एक पठनीय मर्मस्पर्शी उपन्यास।
Publication Language |
Hindi |
---|---|
Publication Access Type |
Freemium |
Publication Author |
Nagathihalli Chandrashekhar |
Publisher |
Prabhat Prakashana |
Publication Year |
2021 |
Publication Type |
eBooks |
ISBN/ISSN |
9788177214055' |
Publication Category |
Premium Books |
Kindly Register and Login to Shri Guru Nanak Dev Digital Library. Only Registered Users can Access the Content of Shri Guru Nanak Dev Digital Library.
You must be logged in to post a review.
Reviews
There are no reviews yet.