Aurat Ka Safar by Bimal Mitra
औरत का सफर
उस दिन लिपस्टिक में सजी-धजी मृदुला देवी का मैंने एक और रूप देखा था। मुझे याद है, उस वक्त उनमें कितनी निष्ठा, कितना धैर्य था। हलकी सी हताशा भी जैसे उन्हें हराने में असफल थी। साड़ी का आँचल कमर में खोंसकर वे घर की साफ-सफाई में जुट गईं। ट्रंक, होलडॉल, बक्से-पिटारी, बिस्तर-तकिया—जो सामान उनके साथ आए थे, सब एक कोने में पड़े रहे। मृदुला देवी और मैंने मिलकर सामान धर-पकड़कर उस क्वार्टर को रहने लायक बना ही लिया। उसके बाद खाना पकाना! मृदुला देवी इतनी कर्मठ और काबिल महिला हैं, उस दिन अगर मैंने अपनी आँखों से न देखा होता तो मुझे कभी विश्वास नहीं आता। पसीने में नहाकर वे बिलकुल ही पस्त पड़ गई थीं।
—इसी संग्रह से
H
‘औरत का सफर’ कृति में ऐसी चार औरतों के सफर की कहानी है, जिनकी जिंदगी उन्हें अलग-अलग गंतव्य तक ले गई और उन्हें अलग-अलग फ्रेम में जड़ दिया। प्रख्यात बँगला साहित्यकार श्री बिमल मित्र कुशल कथा-शिल्पी व दिलचस्प किस्सागो हैं। प्रस्तुत है, चार रंगों में गुँथी हुई उनकी आकर्षक किस्सा-बयानी, जिनसे पाठक अभी तक अपरिचित थे।
Publication Language |
Hindi |
---|---|
Publication Access Type |
Freemium |
Publication Author |
BIMAL MITRA |
Publisher |
Prabhat Prakashana |
Publication Year |
2011 |
Publication Type |
eBooks |
ISBN/ISSN |
8188267732' |
Publication Category |
Premium Books |
Kindly Register and Login to Shri Guru Nanak Dev Digital Library. Only Registered Users can Access the Content of Shri Guru Nanak Dev Digital Library.
You must be logged in to post a review.
Reviews
There are no reviews yet.