Baba Shekh Farid Ratnawali by Jasvinder Kaur Bindra

बाबा शेख फरीद रचनावली

भारत में सूफी काव्य-परंपरा काफी समृद्ध रही है। मुसलमान कवियों ने पंजाब में सूफी काव्य की बुनियाद रखी, जिनमें शेख फरीद सर्वोपरि हैं। उनका पूरा नाम फरीदुद‍्दीन ‍मसऊद शक्करगंज है। दरअसल, शेख फरीद से ही भारतीय सूफी काव्य का आरंभ माना जाता है। फरीद का जन्म हिजरी 569 अर्थात् 1173 ईसवी में हुआ। उस दिन मोहर्रम की पहली तारीख थी। फरीद के पिता उनकी बाल्यावस्था में ही गुजर गए थे। उनकी माता ने ही उनके पालन-पोषण व शिक्षा की जिम्मेदारी पूरे फकीरी तथा दरवेशी ढंग से निभाई। उन्होंने बचपन से ही बालक फरीद को खुदापरस्ती की शिक्षा दी। पवित्र तथा संत स्वभाववाली माता की देखरेख में फरीद बचपन से ही प्रभु-भक्‍त हो गए। किशोर अवस्था में फरीद अपने सूफियाना स्वभाव के कारण कोतवाल (खोतवाल) में प्रसिद्ध हो गए थे।
प्रस्तुत पुस्तक में उनके व्यक्‍तित्व एवं उनके द्वारा विविध भाषाओं में रचित साहित्य से परिचित कराया गया है। फरीद-वाणी के दोहों तथा महला को व्याख्या सहित दिया गया है। संत साहित्य में विशिष्‍ट स्थान रखनेवाले बाबा शेख फरीद की रचनाओं का अत्यंत महत्त्वपूर्ण व संग्रहणीय संकलन।

Publication Language

Hindi

Publication Access Type

Freemium

Publication Author

JASVINDER KAUR BINDRA

Publisher

Prabhat Prakashana

Publication Year

2013

Publication Type

eBooks

ISBN/ISSN

9789381063583'

Publication Category

Premium Books

Kindly Register and Login to Shri Guru Nanak Dev Digital Library. Only Registered Users can Access the Content of Shri Guru Nanak Dev Digital Library.

SKU: 9789381063583.pdf Categories: , Tags: ,
Reviews (0)

Reviews

There are no reviews yet.

Be the first to review “Baba Shekh Farid Ratnawali by Jasvinder Kaur Bindra”