Best Of Pradeep Chaubey by Pradeep Chaubey
हिंदी मंचों के धुरंधर हास्यकवियों में प्रदीप चौबे का नाम अग्रणी है। वे ‘हास्यगैस सिलेंडर’ कहे जाते हैं। नॉन स्टॉप ठहाकों की गारंटी माने जाते हैं। हँसाने की उनकी शैली और अंदाज़ेबयाँ सबसे अलग एवं अनूठा है। भारतप्रसिद्ध मुंबई के हास्य समारोह के आयोजक स्व. रामावतार चेतन ने उनके सम्मान में मिर्जा गालिब का एक पैरोडी शेर कहा है—
‘हैं और भी हँसनवर भारत में बहुत अच्छे,
कहते हैं कि चौबे का है अंदाज़ेबयाँ और।’
हास्यरस प्रदीप चौबे को विरासत में मिला है। उनके बड़े भाई हास्य के महापंडित कवि स्व. शैल चतुर्वेदी को कौन नहीं जानता! परंतु जैसे हर सिक्के के दो पहलू होते हैं, प्रदीप चौबे का दूसरा पहलू है कि वे एक मँजे हुए शायर भी हैं और बहुत खूबसूरत गज़लें कहते हैं, और इसे ही वे अपना असली चेहरा मानते हैं। इस संग्रह में उनकी कुछ श्रेष्ठ हास्यव्यंग्य गज़लें भी संकलित की गई हैं।
इन दिनों मंचों और फेसबुक पर उनकी माइक्रो कविताएँ ‘आलपिन’ के रूप में का़फी धूमधड़ाका कर रही हैं।
Publication Language |
Hindi |
---|---|
Publication Access Type |
Freemium |
Publication Author |
PRADEEP CHAUBEY |
Publisher |
Prabhat Prakashana |
Publication Year |
2016 |
Publication Type |
eBooks |
ISBN/ISSN |
9789351862895' |
Publication Category |
Premium Books |
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