Business Karna Apane Paise Bina by Dr. Suresh Haware
व्यापार में बाधाएँ व रुकावटें तो आती ही हैं। इनसे डरना नहीं, बल्कि इनका स्वागत करना चाहिए, क्योंकि इन्हीं से हमारी वास्तविक क्षमता की परीक्षा होती है। इसलिए इन्हें बुराई में अच्छाई मानना चाहिए। रुकावटें कई तरह की हो सकती हैं, जैसे आर्थिक, कानूनी, उत्पाद संबंधी, टैक्स संबंधी, कर्मचारी और प्रबंधन से संबंधित। हर समस्या का हल है, हमें बस उसे खोजना होता है।
अंत में, हमें इस कहावत को ध्यान में रखना होगा, ‘सिर सलामत तो पगड़ी पचास’ अर्थात् हम जो कुछ भी हासिल करना चाहते हैं, वह इसी भौतिक शरीर के द्वारा संभव है। अतः हमें अपने स्वास्थ्य के प्रति सदा सचेत रहना चाहिए, जैसे यदि किसी प्रोजेक्ट में गिरावट आती है तो नुकसान बढ़ता है, मुनाफा घट जाता है, ऐसा ही हमारे स्वास्थ्य के साथ होता है। अतः अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखकर व्यापारी लंबी पारी खेल सकता है।
प्रस्तुत पुस्तक शासकों, सरकारी अधिकारियों, समाज और अन्य लोगों को व्यापार व व्यापारियों के संबंध में एक सकारात्मक दृष्टिकोण पैदा करेगी, क्योंकि इस पुस्तक में विशेष रूप से कहा गया है कि व्यापारी देश की संपत्ति के सर्जक हैं, अर्थात् वे राष्ट्रीय संपदा के निर्माणकर्ता हैं।
लेखक के लंबे अनुभव से जनित यह पुस्तक नए उद्यमियों और बिजनेसमैन को पूँजी का सही निवेश और उपयोग करने का व्यावहारिक मार्ग बताती है और सफलता प्राप्त करने के गुरुमंत्र भी।
Publication Language |
Hindi |
---|---|
Publication Access Type |
Freemium |
Publication Author |
Dr. Suresh Haware |
Publisher |
Prabhat Prakashana |
Publication Year |
2018 |
Publication Type |
eBooks |
ISBN/ISSN |
9789352669486' |
Publication Category |
Premium Books |
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