Chitra Mudgal Ki Lokpriya Kahaniyan by Chitra Mudgal

सुप्रसिद्ध कथाकार चित्रा मुद्गल का कहानीलेखन 1964 से शुरू हुआ और अब तक लगभग पाँच दशक की रचनायात्रा में उन्होंने अनेक लोकप्रिय कहानियाँ लिखी हैं। वे सघन सामाजिक सरोकारों से कहानियों को आकार देती हैं। अवध क्षेत्र से लेकर चेन्नई, मुंबई व दिल्ली आदि तक उनका अनुभव विस्तीर्ण है। ‘डोमिन काकी’ से लेकर महानगरों में व्यस्त कामकाजी महिलाओं तक का उन्होंने गहरा अध्ययन किया है। स्त्रीविमर्श की गहमागहमी से अलग रहकर भी उन्होंने हाशिए की ओर ढकेली जा रही स्त्री के बहुतेरे प्रश्नों की पड़ताल की है। वे वंचित व्यक्तियों की पक्षधर रचनाकार हैं। इनकी कहानी सच्चे अर्थों में कहानी है, जिसमें जीवन का सच्चा समन्वयकारी यथार्थ है, रोचकता है, संवेदनाएँ हैं और व्यंजना है।
इनकी कहानियाँ पढ़ते हुए जो बिंब बनते हैं, उनका अंतर्निहित अर्थ एक प्रकाशपूर्ण क्षण में उद्घाटित होकर ग्रहण होता है। कहानी की प्रकृति जनतांत्रिक होती है और उसका रसास्वादन अनुभवपरक बोध से होता है। कहानी एक समग्र प्रभाव को संप्रेषित करती है। मनुष्य जब अपनी क्षुद्रताओं, कमजोरियों और छलावों को स्वीकार करता है तो इस स्वीकार से वह आत्मोन्नयन करता है। इस संग्रह की लोकप्रिय कहानियाँ उपदेशात्मक या निर्देशात्मक नहीं, निर्णयात्मक और क्रियात्मक संकल्पों से संपन्न हैं।

Publication Language

Hindi

Publication Access Type

Freemium

Publication Author

Chitra Mudgal

Publisher

Prabhat Prakashana

Publication Year

2017

Publication Type

eBooks

ISBN/ISSN

9789351862819'

Publication Category

Premium Books

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