Dastak Khayalon Ki by Ashish Agrawal ‘Vajood’
रोज़ सुबह से रात और रात से सुबह के दौरान तमाम तरह के खयाल हमारे दिल और दिमा़ग पर दस्तक देते हैं, तमाम तरह की घटनाओं और अनुभवों से होकर हम सभी गुज़रते हैं, कुछ अच्छा होता है, कुछ बुरा, कभी सह लिया जाता है तो कभी मन करता है कुछ बदल दें, कभी हम चुप रह जाते हैं तो कभी लगता है कहना ज़रूरी है। अब बात ये आती है कि जब कहना ज़रूरी हो तो सुनने वाला भी मिल ही जाए, यह हमेशा मुमकिन तो नहीं और बात दिल ही में रह जाए तो ऐसे में दिल पर बोझ बढ़ जाता है।
एक दिन यूँ ही उँगलियों ने मोबाइल की स्क्रीन पर चहल़कदमी करते हुए ट्विटर तक पहुँचा दिया, वहाँ लोगों को अपनी बात दुनिया के सामने रखते हुए देखा तो लगा, यह जगह अपने लिए भी एक ज़रिया हो सकती है दिल को हल्का करने का। तो लिखना शुरू किया ‘वजूद’ नाम से। शुरुआत में एक-दो वाह भी मिल जातीं तो लगता कि शायद बात ठीक-ठाक तरह से सामने वाले तक पहुँच गई, व़क्त के साथ महसूस हुआ कि ये वाह तारी़फ से ज़्यादा इस बात का इशारा है कि जो बात मैं कह रहा हूँ, यह बात पढ़ने वाले के दिल की ही बात थी, जिसे सिर्फ ल़फ्ज़ों में ढालने का काम मैंने कर दिया, और इस तरह मेरे साथ ही शायद पढ़ने वालों के दिल को भी राहत मिलती रही। बात को और बेहतर ढंग से कहने की हमेशा कोशिश करता रहा, जो कि अब भी जारी है, लोगों के प्यार की बदौलत हौसला और पसंद करने वालों की तादाद दिनों-दिन बढ़ती गई, जिसका मैं हमेशा शुक्रगुज़ार रहूँगा।
Publication Language |
Hindi |
---|---|
Publication Access Type |
Freemium |
Publication Author |
ASHISH AGRAWAL ‘VAJOOD’ |
Publisher |
Prabhat Prakashana |
Publication Year |
2018 |
Publication Type |
eBooks |
ISBN/ISSN |
9789386054975' |
Publication Category |
Premium Books |
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