Dr. Shyama Prasad Mukerjee Aur Kashmir Samasya by Ritu Kohli

डॉ श्यामाप्रसाद मुकर्जी ने अपना सार्वजनिक जीवन शिक्षाविद् के रूप में आरंभ किया। कलकत्ता विश्वविद्यालय के वे उपकुलपति रहे। तदुपरांत उन्होंने राजनीति में प्रवेश किया। बंगाल की प्रांतीय राजनीति में मुस्लिम लीग की सांप्रदायिकता से टक्कर ली, हिंदू महासभा के नेता के रूप में हिंदुओं के न्यायोचित हितों और अधिकारों का समर्थन किया और कांग्रेस की तुष्टीकरण की नीति का विरोध किया, राष्ट्रीय स्वातंत्र्य आंदोलन में भाग लेकर भारत की पूर्ण स्वतंत्रता के लिए संघर्ष किया, देश का विभाजन होने की अपरिहार्य स्थिति उत्पन्न हो जाने पर बंगाल का विभाजन करवाया और बंगाल के बड़े हिस्से को पाकिस्तान में जाने से बचा लिया। आजादी के बाद उन्होंने नेहरू मंत्रिमंडल में उद्योग मंत्री के रूप में भारत के औद्योगिक विकास की नींव रखी और पूर्वी पाकिस्तान के हिंदुओं के उत्पीड़न और निष्क्रमण के मुद्दे पर नेहरू की नीतियों से असहमत होकर केंद्रीय मंत्रिमंडल से त्यागपत्र दे दिया। राजनीति में कांग्रेस के राष्ट्रीय विकल्प की आवश्यकता अनुभव कर भारतीय जनसंघ की स्थापना की। कश्मीर के प्रश्न पर डॉ. मुकर्जी ने शेख अब्दुल्ला की अलगाववादी नीतियों का विरोध किया; धारा 370 की समाप्ति तथा जम्मू-कश्मीर केभारतमेंपूर्णविलयकेलिएआंदोलनकियाऔर अपनेजीवनकाबलिदानदिया।कश्मीर काप्रश्नअभीभीअनसुलझा ही है। प्रस्तुत पुस्तक में वर्णित डॉ. मुकर्जी का कर्तृत्व इस अनसुलझे प्रश्न के समाधान की दृष्टि प्रस्तुत करता है।

Publication Language

Hindi

Publication Access Type

Freemium

Publication Author

RITU KOHLI

Publisher

Prabhat Prakashana

Publication Year

2017

Publication Type

eBooks

ISBN/ISSN

9789351865568'

Publication Category

Premium Books

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