Ek Bargad Ki Chhaon Mein : एक बरगद की छाँव में by Himanshu Manglik

‘एक बरगद की छाँव में’ कोई कहानी या उपन्यास नहीं है। न ही यह कविताओं का संकलन है। एक तरह से यह कृति उस बरगद को नमन है, जिसकी छत्रच्छाया में हम जीवन जीना सीखते हैं। बरगद वह होता है, जो हमें न सिर्फ छाया देता है, बल्कि हमें आगे बढ़ने की प्रेरणा देता है; जो हमें सिखलाता है कि अपनी शख्सियत बनाओ और सिद्धांतों के आधार पर ऐसे चलो कि सिर उठाकर जी सको।
ये रचनाएँ हमारे भीतर के विभिन्न पहलुओं से पाठकों का परिचय करवाएँगी— बल, साहस, करुणा, कठोरता, प्रीत, धर्मनिरपेक्षता, विश्वास, गलत के खिलाफ आवाज उठाने की क्षमता, सहनशीलता और इस तरह के कई अन्य पहलू। ये सारे पहलू हरेक व्यक्ति के भीतर छिपे होते हैं, किंतु हम उन्हें न तो समझ पाते हैं और न उन्हें पनपने देते हैं, क्योंकि हमें जैसी परवरिश मिलती है, हम वैसे ही अपने आपको ढालते हैं। हरेक माता-पिता का दायित्व है कि एक बरगद के वृक्ष के समान हमें ऐसे प्रोत्साहित करते रहें कि हम परिस्थितियों को अलग-अलग दृष्टिकोण से देखने की क्षमता बढ़ा सकें। सही मायने में जीवन में सबसे ज्यादा अहमियत दृष्टिकोण की होती है।
आवश्यक है कि आज हर व्यक्ति एक छोटा सा बरगद बन सके। यह इस संकलन का सार है कि कैसे हम अपने भीतर की भावनाएँ जाग्रत् कर सकें और स्वयं एक बरगद बन सकें।

Publication Language

Hindi

Publication Access Type

Freemium

Publication Author

HIMANSHU MANGLIK

Publisher

Prabhat Prakashana

Publication Year

2020

Publication Type

eBooks

ISBN/ISSN

9789389471083'

Publication Category

Premium Books

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