Gunvattapoorna Shiksha Siddhant Aur Vyavahar by Ed. Vinodanand Jha

इस पुस्तक में प्रारंभिक स्तर पर गुणात्मक शिक्षा से संबंधित कुछ आलेख, प्रयोग एवं रचनाएँ शिक्षकों को समर्पित हैं। इन आलेखों के बहाने गुणात्मक शिक्षा के मुद्दे को उठाना इसका प्रयोजन है। इस पुस्तक के बहाने पढ़ने का, बहस करने का, विचार करने का और अंततः कुछ करने का सिलसिला प्रारंभ होगा। चिंतन, मनन अवश्य हो, परंतु अंतिम परिणति है—सपने को, सिद्धांत को, विचार को कार्यरूप देना।
कल तक शिक्षा के केंद्र में शिक्षक थे, परंतु अब विद्यार्थी हैं। अब शिक्षक दंड या सख्ती का प्रयोग कर चीजों को आगे नहीं ले जा सकते। आज उम्र से ज्ञान का संबंध पहले जैसा नहीं है। तथ्यों एवं सूचना विस्फोट के कारण कोई अब दावा नहीं कर सकता कि सिर्फ उम्र के कारण या पहले जन्म लेने के कारण वह अधिक जानता है। अब बातों को लादना कठिन है, इसलिए काम विनम्रता से बनेगा। अब नया शिक्षक विद्यार्थी पर अपना ज्ञान थोप नहीं सकता। वह बड़े भाई या मित्र की भूमिका में अपने को तैयार करे, जो छात्र को प्रोत्साहित करेगा, समझाएगा, उसके साथ दूरी तय करेगा। शिक्षक बच्चों के साथ मिलकर साझा समझ विकसित करेगा, ज्ञान का सृजन करेगा।
बच्चों के सर्वांगीण विकास हेतु एक आवश्यक पुस्तक, जो गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के सिद्धांतों, प्रयोगों एवं शिक्षण कौशल विकास के व्यावहारिक उपायों से हमें परिचित कराती है। यह पुस्तक प्रेरित करती है कि पढ़ने के स्थान पर सीखने को महत्त्व दिया जाए। यदि बच्चे नहीं सीख पाते और असफल होते हैं तो हमें अपने सिखाने के तौर-तरीके पर पुनर्विचार करना होगा।

Publication Language

Hindi

Publication Access Type

Freemium

Publication Author

ED. VINODANAND JHA

Publisher

Prabhat Prakashana

Publication Year

2016

Publication Type

eBooks

ISBN/ISSN

9789351869870'

Publication Category

Premium Books

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