Hindu Charmkar Jati by Dr Bizay Sonkar Shastri

भारतीय सामाजिक व्यवस्था राजनीतिक दृष्‍ट‌ि से केवल भ्रमित है बल्कि उसकी चिंतन की दिशा भी त्रुटिपूर्ण है। हम राजनीतिक क्षेत्र में मात्र वोट की परिकल्पना से निरंतर आगे बढ़ रहे हैं। जाति, वर्ग, पंथादि के भेद को आज देश में उच्च-निम्न की दृष्टि से देखा जा रहा है। ऐसे में अनावश्यक राजनीतिक दबाव के कारण इतिहास लेखन, सामाजिक विषयों की अभिव्यक्‍त‌ि और कला एवं साहित्य का दूषित रूप उभर रहा है।
साढे़ छह हजार जातियों एवं पचास हजार से अधिक उपजातियों में बँटा हुआ आज का हिंदू समाज अपनी दुर्दशा पर आँसू बहा रहा है। हिंदू चर्मकार जाति उसमें से एक है। पूर्व में चार वर्ण, एक सौ सत्रह गोत्र और छत्तीस जातियों में संपूर्ण हिंदू समाज सुव्यवस्थित था।
विदेशी अरेबियन आक्रांताओं के आक्रमण के पूर्व भारत में मुसलिम, सिख एवं दलित नहीं थे। धर्म के मूल्य पर बलपूर्वक चर्मकर्म में लगाई गई हिंदू चर्मकार जाति के स्वर्णिम गौरवशाली राजवंशीय इतिहास की यह एक शोधपरक प्रस्तुति है।
हिंदू चर्मकार जाति की वर्तमान स्थिति का आकलन एवं उसके सशक्तीकरण हेतु समाज एवं सरकार से विकास के उपाय एवं अनुशंसा इस कृति का मूल है। विशेष रूप से इस जाति के वंश, गोत्र और उपनाम के विस्तृत विवेचन के साथ हिंदू चर्मकार जाति का भारत के लिए प्रदत्त योगदान का उल्लेख अत्यंत महत्त्वपूर्ण है। हिंदू चर्मकार जाति को अछूत, अपवित्र, अपमानित एवं तिरस्कृत जीवन के प्रत्येक तर्क को निराधार, निरर्थक एवं अतार्किक प्रमाणित करती यह कृति उनके गौरवशाली स्वर्णिम इतिहास को प्रकाशित करती है।

Publication Language

Hindi

Publication Access Type

Freemium

Publication Author

DR BIZAY SONKAR SHASTRI

Publisher

Prabhat Prakashana

Publication Year

2016

Publication Type

eBooks

ISBN/ISSN

9789350485651'

Publication Category

Premium Books

Kindly Register and Login to Shri Guru Nanak Dev Digital Library. Only Registered Users can Access the Content of Shri Guru Nanak Dev Digital Library.

SKU: 9789350485651.pdf Categories: , Tags: ,
Reviews (0)

Reviews

There are no reviews yet.

Be the first to review “Hindu Charmkar Jati by Dr Bizay Sonkar Shastri”