Hindu Dharma Ke Mool Tattva by Sister Nivedita

प्रारंभिक शताब्दी धार्मिक अध्ययनों की शताब्दी रही है, जिसमें हिंदुत्व ने महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई। इसमें स्वामी विवेकानंद का प्रमुख योगदान है, जिनकी 1893 में शिकागो की धर्म-संसद् में उपस्थिति ने वेदांत के समर्थन में वास्तविक आंदोलन और इस पर आधारित संभावित विश्व धर्म का सृजन किया। उनकी कई पाश्चात्य महिला शिष्याएँ, जैसे मार्गेट ई. नोबल या सिस्टर निवेदिता उन्हीं में से एक हैं, जिन्होंने अपने जीवन को धर्म के हेतु और इससे संबंधित लोगों के उत्कर्ष के लिए समर्पित कर दिया तथा इतिहास के पृष्ठों पर अपने चिह्न छोड़े।
हिंदू धर्म और संस्कृति का महत्त्वपूर्ण लक्षण सर्वाधिक परिपूर्ण विचार, जो संसार ने कभी उत्पन्न किया। सन् 1893 में शिकागो धर्म-संसद् में अग्रणी संत विवेकानंद के विचारों से प्रेरित सिस्टर निवेदिता ने हिंदू धर्म और संस्कृति का जिस तरह से विश्लेषण किया, उसे समझा और निरूपित किया, उसे यहाँ इस पुस्तक में रोचक शैली में इतने प्रभावी ढंग से प्रस्तुत किया गया है, कि सदी गुजर जाने के बाद भी इससे प्रेरणा मिलती है, यह जनमानस को झकझोर देती है। आज भी कोई दूसरा इन ऊँचाइयों को नहीं छू पाया है। उनके अवलोकनों की मौलिकता, जैसे हिंदू धर्म की जाति-व्यवस्था के अत्यधिक उपहासपूर्ण मामले, हिंदू महिला, त्रिमूर्ति संश्लेषण, बौद्ध धर्म और शिव की संकल्पना अपनी अत्यावश्यकताओं में मस्तिष्क को हिला देनेवाले हैं। उनका विचार था— ‘भारत की गुम हो चुकी राष्ट्रीय क्षमता को पुनः प्राप्त करने के लिए संशोधित रूप में जाति-व्यवस्था को पुनर्जीवित करना है।’

Publication Language

Hindi

Publication Access Type

Freemium

Publication Author

Sister Nivedita

Publisher

Prabhat Prakashana

Publication Year

2018

Publication Type

eBooks

ISBN/ISSN

9789386054883'

Publication Category

Premium Books

Kindly Register and Login to Shri Guru Nanak Dev Digital Library. Only Registered Users can Access the Content of Shri Guru Nanak Dev Digital Library.

SKU: 9789386054883.pdf Categories: , Tags: ,
Reviews (0)

Reviews

There are no reviews yet.

Be the first to review “Hindu Dharma Ke Mool Tattva by Sister Nivedita”