Jeevan Ke Mahan Rahasya by Sirshree
जीवन का महान् रहस्य—सरश्री
‘वर्तमान’ का क्षण सत्य है। हम सबको वर्तमान में रहना सीख लेना चाहिए। वर्तमान में ही सही कर्म किया जा सकता है। वर्तमान से ही भविष्य बदला जा सकता है। वर्तमान ही अकल का ताला खोलता है। अकल यानी जहाँ कल नहीं है (अ-कल)। बीता हुआ कल और आनेवाला कल, अकल के साथ नहीं है। हमें भी अकल का ताला खोलकर जीवन का महान् रहस्य, महाजीवन का नियम जान लेना चाहिए।
प्रस्तुत पुस्तक में जीवन का महान् रहस्य बड़े विस्तार से समझाया गया है। इस रहस्य को याद रखने के लिए हाथ की पाँच अँगुलियों पर इसे बिठाया गया है। आप इसे चलते-फिरते, काम करते, अँगुलियों के सहारे याद रखकर इस्तेमाल कर सकते हैं। जब भी आपके सामने कोई परेशानी आए तो अपने आप से पूछें, ‘मैं इस वक्त कौन सी अँगुली का सहारा लूँ? कौन सी अँगुली का ज्ञान इस्तेमाल करूँ?’ आपको तुरंत जवाब मिल जाएगा।
इतना ही नहीं, इसमें महाजीवन का एक अटूट और अटल नियम दिया गया है। यह नियम जानना हर व्यक्ति के लिए आवश्यक है। फिर वह चाहे कंपनी का मालिक हो या नौकर, कॉलेज का विद्यार्थी हो या टीचर अथवा घर का सदस्य हो या चौकीदार। हर इनसान इस नियम को जानकर अपना जीवन तनाव-मुक्त कर सकता है।
इस पुस्तक के द्वारा जीवन के महान् रहस्य को जानकर आप अपने तथा औरों के जीवन को, साथ ही वर्तमान को बेहतर बना सकते हैं।
Publication Language |
Hindi |
---|---|
Publication Access Type |
Freemium |
Publication Author |
SIRSHREE |
Publisher |
Prabhat Prakashana |
Publication Year |
2012 |
Publication Type |
eBooks |
ISBN/ISSN |
9789350480618' |
Publication Category |
Premium Books |
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