Jeevan Saral Hain by Vinita Verma
जीवन सरल है’ पुस्तक की विशेषता है इसकी पठनीयता। यह सीधी-सरल भाषा एवं बोलचाल की शैली में लिखी गई पुस्तक है। एक युवक रोहित की कहानी के माध्यम से धारणाएँ प्रस्तुत की गई हैं—किस प्रकार इन धारणाओं से प्रभावित हो उसका आध्यात्मिक विकास होता है। अनेक कहानियों व हास्य कथाओं के समायोजन से पुस्तक का विषय रोचक तथा समझने में आसान हो गया है।
दुर्भाग्यवश आज का युवक नैतिक-अनैतिक, श्लील-अश्लील में अंतर नहीं पहचान पाता, जिस कारण हमें समाज में इतनी हिंसा और अपराध देखने व सुनने को मिलते हैं। आशा है, यह पुस्तक पाठक को जीवन को देखने का वैकल्पिक नजरिया देगी और तब उनमें सभी जीवों के प्रति आदर व करुणा का भाव जागेगा।
जीवन के मर्म को समझानेवाली तथा आत्मविकास में सहायता करनेवाली पठनीय पुस्तक।
Publication Language |
Hindi |
---|---|
Publication Access Type |
Freemium |
Publication Author |
VINITA VERMA |
Publisher |
Prabhat Prakashana |
Publication Year |
2015 |
Publication Type |
eBooks |
ISBN/ISSN |
9789351864707' |
Publication Category |
Premium Books |
Kindly Register and Login to Shri Guru Nanak Dev Digital Library. Only Registered Users can Access the Content of Shri Guru Nanak Dev Digital Library.
You must be logged in to post a review.
Reviews
There are no reviews yet.