Lokpriya Jasoosi Kahaniyan by Bhavishya Kumar Sinha

‘दीवारों के भी कान होते हैं’, हिंदी में इस कहावत का क्या आधार है? इसकी परिभाषा या व्याख्या की कोई जरूरत नहीं है, क्योंकि एक अनपढ़ भी इसका मतलब समझता है। जासूसी का इतिहास बहुत लंबा है। पाँच हजार साल पीछे जाएँ तो महाभारत में भी कई मिसाल मिल जाएँगी। पांडवों का अज्ञातवास भंग करने का प्रयास एक जासूसी प्रकरण नहीं तो और क्या है! जासूसी कहानी में एक जबरदस्त कौतूहल, जिज्ञासा और उत्कंठा होती है, जो पाठक की दिलचस्पी को आगे आनेवाली घटनाओं के बारे में मजबूती से पकड़कर रखती है। पाठक के सभी अनुमान विफल हो जाते हैं, जब घटनाक्रम अकस्मात् नए-नए मोड़ लेता है। इस रुचि को बाँधे रखना ही जासूसी कहानियों के लेखक की लेखन-निपुणता की कसौटी है। बड़े-बड़े तिलिस्मी उपन्यासों, जैसे कि चंद्रकांता संतति, भूतनाथ, सफेद शैतान आदि से कौन परिचित नहीं है।
इस संग्रह में अंग्रेजी की कुछ प्रमुख और लोकप्रिय जासूसी कहानियों का संकलन है, जो रहस्य-रोमांच से भरपूर हैं और पाठकों को बाँधकर रखने की अद्भुत क्षमता रखती हैं।

Publication Language

Hindi

Publication Access Type

Freemium

Publication Author

Bhavishya Kumar Sinha

Publisher

Prabhat Prakashana

Publication Year

2021

Publication Type

eBooks

ISBN/ISSN

9789390900824'

Publication Category

Premium Books

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