Modern Gurukul by Sonali Bendre Behl

‘बच्चे कथनी की बजाय आपकी करनी से ज्यादा सीखते हैं।’ शिक्षक, गाइड, लीडर्स, संरक्षक एवं संस्कार देनेवाले माँबाप बच्चों के मामले में आनेवाली जटिल परिस्थितियों से निपटने में कठिनाई महसूस करते हैं। इन स्थितियों में उन्हें स्वयं मदद की जरूरत होती है। ‘मॉडर्न गुरुकुल’ पुस्तक में सोनाली बेंद्रे बहल ने एक माँ के रूप में अपने जीवन और अनुभवों के बारे में बताया है तथा सहज और बड़े व्यावहारिक ढंग से ‘बताने’ की बजाय ‘दिखाया’ है कि कैसे उन्होंने अपने पुत्र रणवीर के साथ ऐसी उलझी स्थितियों को सुलझाया है।
सभी शिक्षाविदों और एजुकेटर्स के सामने यह एक बड़ी चुनौती है। बच्चे को इस तथ्य के प्रति संवेदनशील बनाना दुष्कर कार्य है कि बाहरी दुनिया उनके विशेषाधिकार में नहीं है। उनकी ऐसे लोगों के प्रति जिम्मेदारी बनती है, जो उनसे कम सौभाग्यशाली हैं।
इस पुस्तक में सोनाली ने बच्चों के लालनपालन के सबसे अधिक महत्त्वपूर्ण पहलू पर विचार किया है। निकोलस स्पार्क्स ने इसे इन शब्दों में व्यक्त किया है : ‘माँबाप बनना कैसा लगता है : यह आपके जीवन का कठोरपन दुष्कर पहलू है; लेकिन बदले में आप इससे सहज रूप में प्यार करने के मायने सीखते हैं।’
आज के भौतिकवादी युग में बच्चों को जीवनमूल्य और संस्कारों का बोध कराकर उनमें सामाजिक चेतना जाग्रत् करनेवाली एक प्रैक्टिकल हैंडबुक हर जागरूक माँबाप के लिए।

Publication Language

Hindi

Publication Access Type

Freemium

Publication Author

SONALI BENDRE BEHL

Publisher

Prabhat Prakashana

Publication Year

2016

Publication Type

eBooks

ISBN/ISSN

9789351869719'

Publication Category

Premium Books

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