Raheem Dohawali by Vagdev
रहीम अर्थात् अब्दुर्रहीम खानखाना को अधिकतर लोग कवि के रूप में जानते है; लेकिन कविता ने उनका दूसरा पक्ष आवृत कर लिया हो, ऐसा नहीं है। रहीम का व्यक्तित्व बहुआयामी था। एक ओर वे वीर योद्धा, सेनापति, चतुर राजनीतिज्ञ और कूटनीतिज्ञ थे तो दूसरी ओर कवि-हृदय, कविता-मर्मज्ञ, उदार चित्त, उत्कट दानी, मानवीयता आदि गुणों से ओत-प्रोत थे।
रहीम का जीवन तीव्र घटनाक्रमों से भरा रहा। चार वर्ष की उम्र में पिता असमय बिछड़ गए। तीन पुत्र युवावस्था में ही एक-एक कर गुजर गए। एक धर्मपुत्र फहीम युद्ध में मारा गया। इसके बाद उपाधि और जागीरदारी छिन गई। इस प्रकार 7 2 वर्ष का उनका जीवन बारंबार कसौटी पर कसा गया; और इस रस्साकाशी ने उन्हें इस कदर तोड़कर रख दिया कि अंत समय में पुनः मिली उपाधि और सत्ता का भी वे उपभोगी नहीं कर सके।
इस पुस्तक में उसी युग-पुरुष के जीवन-वृत्त और काव्य-संसार पर प्रकाश डाला गया है। यह पाठकोपयोगी सामग्री अब्दुर्रहीम खानखाना उर्फ रहीम के रचनाकर्म और व्यक्तित्व से परिचित कराएगी।
Publication Language |
Hindi |
---|---|
Publication Access Type |
Freemium |
Publication Author |
VAGDEV |
Publisher |
Prabhat Prakashana |
Publication Year |
2018 |
Publication Type |
eBooks |
ISBN/ISSN |
9789381063194' |
Publication Category |
Premium Books |
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