Rajendra Mohan Bhatnagar Ki Lokpriya Kahaniyan by Rajendra Mohan Bhatnagar
प्रसिद्ध साहित्यकार डॉ. राजेंद्र मोहन भटनागर की ये कहानियाँ किसी कहानी-आंदोलन का हिस्सा नहीं हैं। ये वे कहानियाँ हैं, जिनका सीधा संबंध मानव के चित्त और व्यवहार के स्वभाव से है।
ये कहानियाँ, जहाँ कबीर, सूर, रहीम, मीराँ आदि के मर्म से संबद्ध हैं, वहीं विवेकानंद, अरविंद, अंबेडकर आदि के अंदरूनी पक्ष के उद्घाटन में पहली बार पहल कर रही हैं।
ये कहानियाँ पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित हो चुकी हैं या आकाशवाणी के विभिन्न केंद्रों से प्रसारित होकर चर्चा के केंद्र में रही हैं।
ये कहानियाँ जहाँ अपने समय के अन्याय, अत्याचार, सुख-दुःख, हर्ष-विषाद और प्यार-घृणा को उकेरती हैं, वहीं उनके मूल कारणों की ओर भी संकेत करती हैं।
ये कहानियाँ व्यक्ति को अपने परिवार, मोहल्ले और समाज के दायित्व-बोध के अंतर्द्वंद्व को ईमानदारी से रेखांकित करती हैं और उनके चलते साधारण-से-साधारण घटनाओं से बनते चारित्रिक ‘ओरा’ का अनुभव कराने का प्रयास भी करती हैं।
कुल मिलाकर पठनीयता और रोचकता से भरपूर हैं ये लोकप्रिय कहानियाँ।
Publication Language |
Hindi |
---|---|
Publication Access Type |
Freemium |
Publication Author |
RAJENDRA MOHAN BHATNAGAR |
Publisher |
Prabhat Prakashana |
Publication Year |
2019 |
Publication Type |
eBooks |
ISBN/ISSN |
9789351869054' |
Publication Category |
Premium Books |
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