Rang Badalati Delhi by Jagdish Mamgain
दिल्ली हिंदुस्तान की राजधानी है। संपूर्ण देश के लोगों के लिए यह शिक्षा व रोजगार के लिए आकर्षण का केंद्र है। जो यहाँ आया, यहीं का होकर रह गया। हिंदुस्तान के विभिन्न प्रदेशों से बड़ी संख्या में आए लोगों के कारण अलग-अलग रंगों का स्वरूप दृष्टिगोचर होता है। सर्वस्पर्शी व विराटता लिये दिल्ली के रंगों में निरंतर बदलाव आया है।
दिल्ली ने मुगल आक्रांताओं व ब्रिटिश शासकों के नापाक इरादों का दंश भोगा है। इसने शासकों की बरबरता व रहमदिली दोनों का अनुभव किया है। मुगलकालीन एवं ब्रिटिश काल के विभिन्न निर्माण की दृढ़ता व सौंदर्य देश-विदेश के शिल्पियों के लिए एक चुनौती है। यहाँ के शायरों ने अपनी अनूठी रचनाओं से साहित्य जगत् में विशिष्ट स्थान बनाया है। दिल्ली ने न केवल शहंशाह व शायरों की बल्कि हिंदुस्तान की आजादी के लिए प्राण न्योछावर करने वाले भगत सिंह, सत्याग्रह एवं अहिंसा के शब्दों को संपूर्ण विश्व में अर्थ देनेवाले महात्मा गांधी की उपस्थिति भी दर्ज की है। 15 अगस्त, 1947 को हिंदुस्तान की आजादी की घोषणा की भी यह गवाह बनी है।
केंद्र सरकार, राज्य सरकार व स्थानीय इकाई दिल्ली की त्रिश्रेणी प्रशासनिक व्यवस्था है। देशी व विदेशी सैलानियों के लिए पर्यटन की दृष्टि से भी आकर्षित करती है। कुछ लोगों के लिए मृग-मरीचिका भी है।
Publication Language |
Hindi |
---|---|
Publication Access Type |
Freemium |
Publication Author |
JAGDISH MAMGAIN |
Publisher |
Prabhat Prakashana |
Publication Year |
2015 |
Publication Type |
eBooks |
ISBN/ISSN |
9789380183541' |
Publication Category |
Premium Books |
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