Raskhan Ratnawali by Raghav ‘Raghu’

भारत में संत-कवियों की एक लंबी परंपरा रही है। भक्‍त कवियों की श्रेणी में रसखान का अनन्य स्‍थान है। उनका पूरा काव्य भगवान् श्रीकृष्‍ण को अर्पित है, जिन्हें वे अपना सखा, पथ-प्रदर्शक, आराध्य और मुक्‍त‌िदाता मानते रहे।
रसखान ने अपनी रचनाएँ श्रीकृष्‍ण को केंद्र में रखकर लिखीं, मानो उनका प्रत्येक शब्द भेंट के रूप में उन्हें समर्पित कर दिया हो। काव्य-सृजन में उन्होंने न तो किसी विशेष परंपरा व अनुसरण किया, न ही अपनी परंपराएँ किसी पर थोपीं।
उनके काव्य में संयोग और वियोग—दोनों रसों के विलक्षण दर्शन होते हैं। कहीं गोप-भाव से तो कहीं गोपी-भाव से उन्होंने अपने आराध्य भगवान् श्रीकृष्‍ण के साथ काव्य-रास किया है।
प्रस्तुत पुस्तक में रसखान का जीवन-परिचय एवं काव्य-रचनाओं का सार-संक्षेप दिया गया है, जो निश्‍चय ही पाठकों के लिए उपयोगी एवं ज्ञानवर्द्धक सिद्ध होगा।

Publication Language

Hindi

Publication Access Type

Freemium

Publication Author

RAGHAV ‘RAGHU’

Publisher

Prabhat Prakashana

Publication Year

2017

Publication Type

eBooks

ISBN/ISSN

9789381063200'

Publication Category

Premium Books

Kindly Register and Login to Shri Guru Nanak Dev Digital Library. Only Registered Users can Access the Content of Shri Guru Nanak Dev Digital Library.

SKU: 9789381063200.pdf Categories: , Tags: ,
Reviews (0)

Reviews

There are no reviews yet.

Be the first to review “Raskhan Ratnawali by Raghav ‘Raghu’”