Rupaye Ka Bhraman Package by Sudha Kumari
‘‘कई साल पहले इस अद्भुत परंपरा को दलबदलू परंपरा का नाम दिया जाता था। आज इसे एक सम्मानजनक नाम—‘घोड़ों की खरीद-फरोख्त’ के नाम से जाना जाता है। ऐसे घोड़ो को ‘चुनावी मौसम विज्ञान विशेषज्ञ’ का नाम भी दिया जाता है। हमारे घोडे़ कोई मामूली नहीं जो औने-पौने में बिक जाएँ। ये तो अरबी नस्ल से भी उम्दा घोडे़ हैं और बेशकीमती भी। औने-पौने भाव पर ये बिकते नहीं, बिदकते हैं।’’
—इसी पुस्तक से
सरकारी विभाग पर व्यंग्य लिखना बहुत आम बात है, मगर सरकारी अधिकारी द्वारा व्यंग्य लिखना आम नहीं है। लेखिका अपने समय को बारीकी से विश्लेषित करने में प्रयत्नशील हैं ताकि मानव समाज की बेहतरी के लिए साहित्य के माध्यम से विषमताओं पर प्रहार किया जाए। आज के समय में न्याय और सामयिक व्यवस्था से ऐसे सवाल करना बहुत कठिन है। विषय वैविध्य, व्यापक, प्रखर एवं सामाजिक सरोकारों से युक्त सकारात्मक सोच के साथ लेखिका स्वतंत्रचेता सृजनधर्मी के रूप में सिर्फ सरकारी क्षेत्र पर नहीं, बल्कि सामाजिक जीवन के प्रायः हर क्षेत्र— उद्योग-धंधों, पत्रकारिता और आम जन-जीवन में व्याप्त विसंगतियों से मुठभेड़ करती हैं।
Publication Language |
Hindi |
---|---|
Publication Access Type |
Freemium |
Publication Author |
Sudha Kumari |
Publisher |
Prabhat Prakashana |
Publication Year |
2021 |
Publication Type |
eBooks |
ISBN/ISSN |
9789390923519' |
Publication Category |
Premium Books |
Kindly Register and Login to Shri Guru Nanak Dev Digital Library. Only Registered Users can Access the Content of Shri Guru Nanak Dev Digital Library.
You must be logged in to post a review.
Reviews
There are no reviews yet.