Samarth Bharat by Ed. Prabhat Jha

सुविदित है कि भारत सोने की चिड़िया कहलाता था । जब विश्‍व के अधिकांश देश पिछड़े हुए थे तब भारत समृद्ध राष्‍ट्र था । अंग्रेजों के शासन से पूर्व यह विश्‍व के धनी राष्‍ट्रों में से एक था ।
विडंबना है कि आज भारत अनेक चुनौतियों से जूझ रहा है । गरीबी, बेरोजगारी, भ्रष्‍टाचार, जातिवाद, क्षेत्रवाद, वंशवाद, बालश्रम, भुखमरी, कुपोषण, किसानों की। आत्महत्या, धर्मांतरण, घुसपैठ, अशिक्षा, शिक्षा का व्यवसायीकरण, नक्सलवाद, आतंकवाद, बेलगाम महँगाई से देश की स्थिति भयावह हो रही है । इनका मूल कारण रहा कि हम पाश्‍चात्य देशों की अंधी नकल करने में लगे रहे, जबकि हमें अपने देश की समस्याओं का समाधान अपनी माटी में ही तलाशना चाहिए था ।
पर इतिहास साक्षी है कि अनेक झंझावातों को झेलने के बाद भी भारत समर्थ सिद्ध हुआ है । मंदी के दौर में जहाँ दुनिया के विकसित राष्‍ट्र भी लड़खड़ा गए वहीं हा चट्टान की भांति अडिग रहे ।
सन् 2020 में समृद्धशाली भारत का सपना तभी साकार हो सकता है, जब हम पाश्‍चात्य देशों की नकल छोड़कर अपनी ही प्रकृति के अनुसार विकास प्रक्रिया को आगे बढ़ाएँ व भारत को पश्‍च‌िम की कार्बन कॉपी बनाने की बजाय भारत ही रहने दें ।
समर्थ भारत में संकलित हैं-
शिक्षा, स्वास्थ्य, रक्षा, चिकित्सा, राजनीति विधि तथा अन्य सामाजिक क्षेत्रों के विश‌िष्‍ट महानुभावों के व्यापक अनुभव से भारत की सामर्थ्य और शक्‍त‌ि को रेखांकित करते मार्गदर्शक एवं प्रेरणाप्रद लेख ।

Publication Language

Hindi

Publication Access Type

Freemium

Publication Author

Ed. Prabhat Jha

Publisher

Prabhat Prakashana

Publication Year

2015

Publication Type

eBooks

ISBN/ISSN

9788173157318'

Publication Category

Premium Books

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