Sukh Ki Raahen by Ramesh Chandra Mehrotra
मनुष्य इस जगत् में सफल होने ओर सुखी रहने के लिए आता है । सफल तो बहुत सारे हो जाते हैं, परंतु यह जरूरी नहीं कि प्रत्येक सफल व्यक्ति सुखी भी हो । स्पष्ट है, सुख की प्राप्ति जीवन में सफलता हासिल कर लेने से ज्यादा मुश्किल है । विपुल धन भी सुख की गारंटी नहीं दे सकता । आय की वृद्धि के साथ संतुष्टि और सुख की वृद्धि होना आवश्यक नहीं है ।
पश्चिमी समाज सुख के फॉर्मूले तलाश रहा है । लेकिन सच्चा और स्थायी सुख शायद फॉर्मूलों की बाँहों में समाता नहीं है । उसके असंख्य स्रोत हैं । उसके अनगिनत स्वरूप हैं। सुप्रसिद्ध भाषाविद् प्रखर चिंतक और यशस्वी लेखक डॉ. रमेश चंद्र महरोत्रा की यह पुस्तक उन सबके साक्षात्कार की राह बताती है । आप राह स्वयं तलाशिए और उस राह के दीपक भी स्वयं बनिए । हिंदी में जीवन-मूल्य और सुख की प्राप्ति पर केंद्रित पुस्तकों का जो विकट अभाव है, उसकी पूर्ति में डॉ. महरोत्रा की यह कृति निस्संदेह उपयोगी होगी ।
Publication Language |
Hindi |
---|---|
Publication Access Type |
Freemium |
Publication Author |
RAMESH CHANDRA MEHROTRA |
Publisher |
Prabhat Prakashana |
Publication Year |
2011 |
Publication Type |
eBooks |
ISBN/ISSN |
818582987X' |
Publication Category |
Premium Books |
Kindly Register and Login to Shri Guru Nanak Dev Digital Library. Only Registered Users can Access the Content of Shri Guru Nanak Dev Digital Library.
You must be logged in to post a review.
Reviews
There are no reviews yet.