Vishwamanav Rabindranath Tagore by Narendra Jadhav

आलौकिक प्रतिभासंपन्न, साक्षात् प्रतिभासूर्य, भारतमाता के एक महान् सुपुत्र रवींद्रनाथ टैगोर। साहित्य, संगीत, कला— इन सभी क्षेत्रों में अभूतपूर्व योगदान देनेवाले गुरुदेव टैगोर सर्वार्थों में युगनिर्माता थे। आज के भूमंडलीकरण के युग में कई दशक पहले पूर्वपश्चिम संस्कृतियों को मिलाकर दुनिया में एक नई अक्षय संस्कृति निर्माण होने का सपना देखनेवाले द्रष्टा एवं विश्वमानव!
रवींद्रनाथ की लोकोत्तर प्रतिभा, उनकी बहुश्रुतता, संवेदनशीलता, उनके अनुभवों की समृद्धि और उन अनुभवों को साहित्य, संगीत, कला के माध्यम से व्यक्त करने की असामान्य क्षमता रखनेवाले गुरुदेव वंदनीय हैं, अभिनंदनीय हैं। रवींद्रसाहित्य और रवींद्रसंगीत प्रभावशाली तथा लुभावने हैं। रवींद्रनाथ का साहित्य एक बार पढ़ा तो फिर भूल नहीं सकते। वह आपके मन में बारबार गूँजता रहता है।
रवींद्रनाथ का पूरा जीवन काव्यसंगीत का, शब्दसुरों का, कलाओं का महोत्सव है, आनंदोत्सव है। वैश्वीकरण के दौर में पलीबढ़ी नई पीढ़ी को रवींद्रनाथ का परिचय मिले तो कैसे?
इस उपन्यास में युगनिर्माता विश्वमानव रवींद्रनाथ टैगोर अलौकिक साहित्य रचना का, उनके सामाजिक, राजनीतिक और सांस्कृतिक क्षेत्र के महान् कार्यों का अधिक परिपूर्ण ढंग से अध्ययन करने का मार्ग खुलेगा और पाठक ‘रवींद्र रंग’ में रँग जाएँगे।

Publication Language

Hindi

Publication Access Type

Freemium

Publication Author

NARENDRA JADHAV

Publisher

Prabhat Prakashana

Publication Year

2015

Publication Type

eBooks

ISBN/ISSN

9789351863250'

Publication Category

Premium Books

Kindly Register and Login to Shri Guru Nanak Dev Digital Library. Only Registered Users can Access the Content of Shri Guru Nanak Dev Digital Library.

SKU: 9789351863250.pdf Categories: , Tags: ,
Reviews (0)

Reviews

There are no reviews yet.

Be the first to review “Vishwamanav Rabindranath Tagore by Narendra Jadhav”