Vyavaharik Patra-Lekhan Kala by Braj Kishore Prasad Singh

पत्र-लेखन कला

पत्रों का मानव-जीवन से सीधा संबंध है। शायद ही ऐसा कोई व्यक्‍ति हो, जिसे जीवन में कभी पत्र लिखने की आवश्यकता न पड़ी हो। अगर किसी को पत्र लिखने का अवसर न मिला हो तो प्राप्‍त करने का तो अवश्य ही मौका मिला होगा।
आम आदमी के बीच आज के इलेक्ट्रॉनिक साधनों के कारण पत्र भले ही अति महत्त्वपूर्ण नहीं रह गया हो, लेकिन सरकारी कार्यालयों में आज भी इसकी आवश्यकता ज्यों-की-त्यों बनी हुई है, बल्कि और बढ़ गई है।
यूँ तो पत्र-लेखन पर अनेक पुस्तकें उपलब्ध हैं, लेकिन किसी पुस्तक में शायद ही संपूर्णता हो। यह पुस्तक सर्वांगीण है, पत्र-लेखन के सभी वैशिष्‍ट्यों का इसमें समावेश है। कार्यालयों और सचिवालयों के कर्मियों के लिए विशेष कारगर सिद्ध होगी, जिन्हें पत्र-लेखन के बारे में इससे विशेष सहायता प्रप्‍त होगी।
आशा है यह सरल-सुबोध पुस्तक विद्यार्थियों, परीक्षार्थियों एवं कार्याल्यों के कर्मियों के लिए ही नहीं, पत्राचार करनेवाले सामान्य व्यक्‍ति के लिए भी उतनी ही उपयोगी और कारगर सिद्ध होगी।

Publication Language

Hindi

Publication Access Type

Freemium

Publication Author

BRAJ KISHORE PRASAD SINGH

Publisher

Prabhat Prakashana

Publication Year

2013

Publication Type

eBooks

ISBN/ISSN

9788177212150'

Publication Category

Premium Books

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