Zindagi Ke 78 Kohinoor by Mrityunjay Kumar Singh

जीवन में होने वाली घटनाएँ हमेशा हमें कुछ-न-कुछ सिखाकर हमारा ज्ञान, अच्छाई और तजुर्बा बढ़ाती हैं। जीवन में कभी-कभी अच्छाई के लिए मनुष्य को कुछ-न-कुछ त्याग करना पड़ता है। जीवन में अच्छाई की यह शिक्षा इनसान को प्रकृति से मिली है। प्रकृति के प्रत्येक कार्य में सदैव भलाई की भावना निहित दिखाई पड़ती है। नदियाँ अपना जल स्वयं न पीकर दूसरों की प्यास बुझाती हैं। वृक्ष अपने फल दूसरों को अर्पित करते हैं। बादल पानी बरसाकर धरती की प्यास बुझाते हैं। सूर्य तथा चंद्र भी अपने प्रकाश को दूसरों में बाँट देते हैं। इसी प्रकार अच्छे इनसान का जीवन भलाई में ही लगा रहता है। जीवन में हर इनसान छोटे-छोटे कार्य करके अनेक प्रकार की अच्छाई संसार में कर सकता है। भूखे को रोटी खिलाकर, अशिक्षितों को शिक्षा देकर, जरूरतमंद को दान देकर, प्यासे को पानी पिलाकर व अबलाओं तथा कमजोरों की रक्षा कर अच्छाई की जा सकती है।
—इसी पुस्तक से
भारत के सांस्कृतिक एवं धार्मिक इतिहास से गहरे लगाव के कारण कोरोना काल में फुर्सत के पलों में तैयार पुस्तक ‘जिंदगी के 78 कोहिनूर’ में घटनाओं और प्राप्त अनुभवों के आधार पर जिंदगी की वास्तविकता को जैसा लेखक ने समझा है, उन्हें दृढ़ संकल्प, साफ नीयत और अटल निष्ठा के साथ स्पष्ट करने का प्रयास किया है।
मेरा यह पहला प्रयास आपके सामने है। यह कैसी बन पड़ी है, इसका निर्णय आपको करना है।

Publication Language

Hindi

Publication Access Type

Freemium

Publication Author

Mrityunjay Kumar Singh

Publisher

Prabhat Prakashana

Publication Year

2021

Publication Type

eBooks

ISBN/ISSN

9789390900909'

Publication Category

Premium Books

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