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Vishwa Ke 20 Mahan Samaj Sudharak by Gopi Krishna Kunwar
समाज निरंतर परिवर्तनशील रहता है। इससे कोई अंतर नहीं पड़ता कि बाहर से कोई समुदाय या देश कितना स्थिर दिखता है, इसके भीतर कुछ निश्चित बल इसे हमेशा एक या दूसरी दिशा में धकेलते हैं, कभी-कभी एक ही समय में कई विभिन्न दिशाओं में और परिवर्तनों के इन अंतर्निहित बलों के कारण विचार, सोचने का तरीका और सामाजिक समूहों में जीने का एक निश्चित अंदाज समाप्त हो जाता है और दूसरा उसका स्थान ले लेता है। सामाजिक सुधार उन परिवर्तनों का उल्लेख करते हैं, जो उन समूहों की स्थिति को सुधारने के लिए लाए जाते हैं, जो मुख्यधारा की कुछ संस्थाओं, जैसे पितृतंत्र, तानाशाही या धर्म द्वारा दमित हैं। यह पुस्तक आधुनिक समाज के महानतम समाज-सुधारकों में से बीस के बारे में बताती है।
इस पुस्तक को उन व्यक्तित्वों पर केंद्रित रखा गया है, जिन्होंने समाज की यथास्थिति में परिवर्तन लाने के प्रयास किए और सबसे महत्त्वपूर्ण है कि जिनके प्रयासों के कारण नए कानून बने या प्रचलित कानूनों में संशोधन हुए। यही कारण है कि मदर टेरेसा जैसे व्यक्तित्व सीधे तौर पर इस पुस्तक के क्षेत्र में नहीं आते हैं, जिनके कार्य मुख्यतः मानवतावादी थे।
जिन सामाजिक सुधारकों पर इस पुस्तक में चर्चा की गई है, उनमें उन्नीसवीं सदी के मध्य के विचारक और साहसिक व्यक्तित्व जैसे राजा राममोहन राय, विद्यासागर, एलिजाबेथ कैडी स्टैनटोन और फ्लोरेंस नाइटिंगेल से लेकर अगली सदी के सामाजिक प्रचारक जैसे रॉबर्ट ओवन और फ्लोरेंस केली सम्मिलित हैं।
Publication Language |
Hindi |
---|---|
Publication Access Type |
Freemium |
Publication Author |
Gopi Krishna Kunwar |
Publisher |
Prabhat Prakashana |
Publication Year |
2018 |
Publication Type |
eBooks |
ISBN/ISSN |
9789386870193' |
Publication Category |
Premium Books |
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